Monday, 4 September 2017

Best Things to do while doing engineering in india


College life is very much over rated in India, specially for new entrants. We have impractical expectations and what not... 

Well, here's a list of what should never be missed in those 4 years (hopefully, 4 years!) 
Making it year wise: 
First Year: 
1. Come in like a clean slate.
2. Accept your college. (IITs are not everything, If you're not in IIT)
3. Accept your branch. (Don't burn yourself with regrets of that one question you did wrong in AIEEE which could've got you computer science)
4. Make a rapport with seniors. But don't be a slave.
5. Make some kickass friends.
6. Talk to every girl on campus on pretext of ragging. trust me that's the best way for a conversation starter and no girl minds it when you're doing it on the name of ragging. (I did many crazy things, and no one ever batted an eye).
7. Join clubs
8. Take a sport.
9. Make a girlfriend. Seriously!
10. Don't be in a long distance relationship, its not worth it.
11. Go on a trip
12. Explore your interests
13. Participate in every damn event. It's not about the performance, its about coming out of comfort zone.
14. Just enjoy
Second Year:
1. Make a girlfriend, if still don't have one. (Nobody gets a girl after second year, its a universal truth)
2. Creative Junior-senior interaction (You know what I mean)
3. Make yourself matter in things you're into
4. Get in a hostel fight. Atleast once.
5. Find your true calling
6. Picture yourself 5 years down the line and start working towards it
7. Learn a bit of every branch. Not just yours. Even the bits and jargons. Helps a lot.
8. Be favourite of atleast one professor.
9. Travel
10. Read atleast 6 books a year
11. Become a movie buff
12. Watch serials
13. Learn guitar. Girls love it.
14. Watch and follow English football leagues even if you didn't earlier. Puts you in a different league, trust me!
15. Send mails for internships. Try foreign universities or companies that pay you.
16. Work on some hands on project.
Third Year:
1. Time to get serious.
2. Start preparing for the thing you want to do after college. For real
3. Do something crazy, you're never going to forget
4. Work on public speaking
5. Identify your project. Make it big
6. Get placed. Don't think much, its all luck anyway.
7. Networking. The thing which makes the world go round.
8. Volunteer. (Specially if you've plans for studying abroad)
Final Year: 
1. Get a hard disk for all the "collection".
2. Make amends with everyone you had fight with.
3. Spend nights out on the spots. There are always some spots.
4. Party
5. Even if you're placed, write exams for MBA if you've plan to do it.
6. Work out. Have a great body. You're never going to get more time than this year.
7. Travel to every damn place possible with your group.
8. Come out like a boss.






                                         (source- my friend Manish notebook)                                                
                                               ( photo - 3 idiots movie )

Thursday, 2 February 2017

met with Ankit singh

Ankit Singh

संध्या का समय था ,हमेशा की तरह मैं अपने अकेलेपन को भांप रहा था | तभी मेरे कमरे में हिमांशु आया अपने एक स्कूल दोस्त को लेकर | दुबला पतला सा लड़का लेकिन चेहरे पे एक स्वाभाविक मुस्कान जैसे की अपनी जिंदगी से बहुत खुश हो ,चेहरे पे अपनी किसी कमी की सिकन बिलकुल भी नही |
हिमांशु बोला इससे मिल एक चुतिया इंसान (मेरी तरफ इशारा कर के )|मैंने भी हेल्लो बोला ,उसने बोला भाई मैं इसका स्कूलमेट हु (हिमांशु की तरफ इशारा कर के ) और मेरा नाम अंकित है | उसका ये शब्द 'भाई ' जो वो बहुत बोलता था |मैंने भी कहा मैं 'मनीष '|उसके बाद उसने कहा आ 'भाई ' हिमांशु के रूम में आ ,यहाँ क्या अकेले बैठा है |
हिमांशु के रूम में रौतेला और udeshswar बैठे थे जो की मेरे collegemates है और अच्छे दोस्त भी (शायद वो दोनों इस बाद से इंकार कर सकते है ) | 
खैर मैं भी अकेलापन महसूस कर रहा था सोचा चलो नए लोगो से मिलते है |मैं हिमांशु के रूम में गया और वह बैठा |
हम पांचो खूब तफरी करने लगे मतलब मेरी और अंकित की बहुत ली जाने लगी (मज़ाक ) |
काफी देर तक बातचीत के बाद मुझे अंकित दिलचस्प बंदा लगा |फिर हम लोग रात का खाना खाने लगे |फिर मैं अपनी रूम में आ गया |थोड़ी देर बाद सब के सब मेरे रूम में आ गए दुबारा मेरे मज़े लेने के लिए |
मैं बहुत ज्यादा frustrate हो गया था |ऐसे ही रात के १२ बज गए |
फिर हिमांशु बोला की मैं और अंकित बहार टहलने मतलब nightwalk पे जा रहे है चलेगा ?मैंने कहा नही,फिर अंकित के जिद्द के कारण मैं उन् लोगो के साथ nightwalk पे चल दिया |
उस समय गर्मी का मौसम था लेकिन रात के कारण बाहर सुनहरी हवा चल रही थी |मैं उन हवाओ का लुफ्त उठा ही रहा था की अंकित ने टोका और 'भाई' कुछ बता अपने बारे में |
मैंने भी बोला भाई मेरी ज़िन्दगी में कुछ है ही नही बताने को ,मैं तो खुली किताब की तरह हु (वास्तव में ऐसा नही है ,बस १-२ लोगो को छोड़ दिया जाये तो क्योकि वो १-२ लोगो को मैंने अपना सब सीक्रेट शेयर किया है ) | 
खैर मैंने कहा तू ही बता दे भाई |बस फिर क्या था अंकित शुरू किया अपनी लाइफ की छोटी मगर दिल के करीब की बातें |
वो कहने लगा भाई इस हिमांशु में पता नही ऐसी क्या बात है जो की सारी अच्छी और खूबसूरत लडकिया इससे बात करती है और मैं इतना कोशिश किया लेकिन स्कूल की एक भी लड़की से मेरी स्टोरी शुरू नही हो पायी और ऐसे ही पूरा स्कूल टाइम निकल गया |
फिर उसने बताया की 'एक लड़की थी जिससे मैं चाहता था लेकिन वो अधिकतर हिमांशु से ही बात करती थी जिसके कारण मुझे हिमांशु से बहुत जलन होती थी |"फिर भी हिमांशु मेरा बहुत अच्छा दोस्त था और एक अच्छा इंसान भी "|
मैंने कहा वो तो यहाँ भी है सारी क्लास की लडकिया हिमांशु को पसंद करती है यहाँ तक की मेरी वाली भी |बस फिर क्या था अंकित जिद्दी रूप से मुझसे पूछने लगा तेरी वाली कौन 'भाई ' |उसका ये 'भाई 'शब्द उसकी जुबान से बहुत  प्यारी लगती थी | 
(कृपया मुझे ये न सिखाये की प्यारी और मीठी आवाज केवल लड़कियों की होती है ,अगर आप ऐसा सोचते है तो माफ़ कीजियेगा लेकिन मुझे लड़को की आवाज भी प्यारी और मीठी लगती है ) |
फिर उसने उत्सुकता से पूछा " भाई वो कैसी दिखती है ,क्या बहुत सुन्दर है "| मैं भी मुस्कुरा पड़ा और बोला है भाई बहुत सुन्दर है बस लोगो को लगता है उसमे थोड़ा attitude है लेकिन मुझे वो बहुत पसंद है |उसने कहा "अरे भाई तू तोह उसकी बहुत बड़ाई कर रहा ,नाम तो बता " |मैंने भी कहा भाई उसका नाम 'कनिका है '|उसने कहा भाई नाम तो बहुत प्यारा है ,तू कभी उसको एप्रोच किया | मैंने कहा नही भाई कभी हिम्मत ही नही हुई | तभी हिमांशु कह पड़ा इसकी एक और प्यार है ,बचपन का प्यार |अंकित फिर जिज्ञासित होके पूछा कौन है भाई उसके बारे में भी बता | वो सारी बात जिज्ञासित होके ही पूछ रहा था,जो मुझे बहुत अच्छा लग रहा था |मुझे फिर बताना पड़ा की भाई उसका नाम 'मोनिका 'है और तेरी तरह ही मेरी भी वो स्कूलमेट है लेकिन बस तेरे से इतना अलग मेरी कहानी है की वो भी मेरे को बहुत चाहती थी एक दोस्त के रूप में |ये सब सारी बाते हम सब बाहर एक दुकान की सीडी पे बैठ के कर रहे थे |फिर हम ऐसे ही बात करते हुए अपने रूम पे आ गए | रूम पे आके हमने तहरी बनाई और मज़े में खाई |
अंकित मेरी नजर में एक सच्चा दोस्त के साथ एक बहुत अच्छा इंसान भी था जो सबको हँसाने के लिए दुनिया में आया था लेकिन दुनिया की इस तेज और बेपरवाह संसार में वो तेज नही चल पाया और इसी दुनिया की तेजी से चलने वालो ने उसको साथ नही ले पाए (मेरे इस १ दिन की मुलाकात वाले दोस्त की ट्रैन से एक्सीडेंट हो गया था )|
आज उसका जन्मदिन है मेरी तरफ से बस इतना की "भाई बहुत बहुत धन्यवाद इस दुनिया में आने के लिए और सबको हँसाने के लिए "|
😟😟